अगर होता इश्क का कही पैमाना कोई;
न होता जहाँ में फिर कही मैखाना कोई ।
मैं ढूढता फिरता हूँ तुम्हे जो इन गलियों में;
लोग कहते हैं होगा यहीं वो दीवाना कोंई।
Thursday 10 March 2011
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जीवन सफ़र
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