Saturday 23 June 2012


यूँ तेरा आना;
मेरे दिल का लुट जाना.

तुझसे मिलना;
जैसे मेरा खो जाना.

हवाओं कहना;
क्या होता है होना दीवाना.

बादल ने जाना;
कैसे इतराना है, इठलाना.

धरती ने जाना;
प्यार के बूँदो को तरस जाना.

पेड़ों ने जाना;
झूम, हवाओं से मिलके जाना.


यूँ तेरा आना;
मेरे दिल का लुट जाना.

Sunday 3 June 2012

शाम भी अजनबी सा मुझे ढूढ़ता रहा;
मैं याद मे तेरी कुछ यूँ खोया हुआ रहा.

देखता हूँ दरवाजे पर दस्तक हो तुम दिये;
तेरी याद से जागा, बस वो झोका वहाँ रहा.

आरजू-ए-दिल से इंतज़ार के सफ़र में हूँ;
मोहब्बत का रास्ता ये कभी छोटा कहाँ रहा.

इस दौर-ए-मोहब्बत को यूँ जी रहा हूँ मैं;
तूँ देख ज़रा गौर से, मैं अपना कहाँ रहा.

मैं कह रहा हूँ नाम 'मुसाफिर' ही है मेरा;
'तेरा चाहने वाला हूँ' यही हर सख्स कह रहा.

जीवन सफ़र

 सबके अपने रास्ते अपने अपने सफ़र  रास्तों के काँटे अपने  अपने अपने दर्द अपनी अपनी मंज़िल अपना अपना दुख अपनी अपनी चाहते अपना अपना सुख सबकी अप...