Monday 18 January 2016

भाड़ में जाये तुम्हरी ये परम्परायें

सुनो, जब तुम ब्राह्मण कहते हो मुझे
तो मै सदियों से हो रहे दमन
और अत्याचार का हिस्सेदार हो जाता हूँ
पैदा होते ही तुम ने थोप दी है
ये परम्परायें
ये संस्कृति
तो मैं कहता हूँ
भाड़ में जाये
तुम्हरी ये परम्परायें
तुम्हारी तथा कथित हज़ारों साल की संस्कृति
भाड़ में जाये तुम्हारी जाति-धर्म की व्यवस्था
और सुनों जब तुम गर्व करते हो
बुद्ध का नाम ले कर
कबीर का उदाहरण दे कर
तो तुम दुनिया के सबसे घृणित व्यक्ति लगते हो
क्यों की तुम जैसे लोगों ने यहाँ से बुद्ध को संस्कृति और धर्म के नाम पर खदेड़ा था
तुम ने हत्यायें की है
सदियों से हत्यारे हो तुम
और पूरी मानवता लज्जित हो जाती है

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